मकरसंक्रांति पर्व पर गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने के लिए आज सुबह से श्रद्धालुओं का तांता


मकरसंक्रांति पर्व पर गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने के लिए आज सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। मंदिर के मुख्य द्वारा से गर्भ गृह तक श्रद्धालुओं को जाने के लिए बेरिकेडिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। पांच रास्ते बनाए गए हैं। पुरुष और महिलाओं के लिए दो-दो रास्ते होंगे। मंदिर के कर्मचारी, संस्कृत विद्यालय के छात्रों के अलावा हिंदू युवा वाहिनी, विश्व हिंदू महासंघ के कार्यकर्ता मंदिर परिसर में जगह-जगह तैनात हैं। मंदिर में दो दिन पहले से ही देशभर के भक्त यहां जुटने लगे हैं। दिल्ली के करोलबाग क्षेत्र से 50 से अधिक श्रद्धालु मंदिर पहुंच गए हैं।


कई 40 साल से लगातार मंदिर आ रहे हैं। इसी तरह से दूर दराज के कई अन्य भक्त भी सोमवार को ही मंदिर पहुंच गए। दिल्ली के करोल बाग स्थित गुरु गोरखनाथ मंदिर के पुजारी मोहित साहनी के नेतृत्व में आए लोगों का कहना है कि करोलबाग में भी गुरु गोरखनाथ का भव्य मंदिर है लेकिन मकरसंक्रांति गोरखपुर ही आकर मनाते हैं। अनीता अरोरा, ऊषा, विवेक, चंद्रावती, सतीश कुमार ने बताया कि वह और उनके परिवार के लोग हर साल यहां आते हैं। अनीता, ऊषा, चंद्रवती ने कहा कि वे 40 साल से यहां आते हैं। गुरु गोरखनाथ से जो भी मांगा वह पूरा हुआ। खिचड़ी के दिन ये लोग रात्रि में ही स्नान कर पूजा के लिए तैयार हो जाते हैं। योगी जी के खिचड़ी चढ़ाने के बाद वे लोग अपनी खिचड़ी चढ़ाते हैं। उसके बाद कारसेवा में जुट जाते हैं।



आप भी गोरखनाथ बाबा को खिचड़ी चढ़ाने की सोच रहे हैं तो पॉलिथीन में न लेकर जाएं। ऐसा करेंगे तो हो सकता है कि आपको मंदिर परिसर में प्रवेश ही न मिले। मकरसंक्रांति के अवसर पर लगने वाले गोरखनाथ के मेला क्षेत्र को राज्य सरकार और नगर निगम की तरफ से पूरी तरह से पालिथीन मुक्त घोषित कर दिया गया है। मंदिर प्रशासन की तरफ से भक्तों से अनुरोध किया गया है कि बाबा को चढ़ाने के लिए अपनी खिचड़ी पॉलिथीन की जगह कपड़े में लाएं। मेले में लगने वाली चाय-नाश्ते से लेकर अन्य सभी दुकानों पर कागज या कपड़े के बैग का प्रयोग शुरू हो गया है।


मुख्यमंत्री सोमवार को दोपहर में ही मंदिर पहुंच गए। उन्होंने मंदिर से जुड़े लोगों के साथ बैठक की। मकरसंक्रांति की तैयारियों की जानकारी ली। मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी ने मंदिर भ्रमण का पूरी व्यवस्था को देखा। दूर से आने वाले बहुत से श्रद्धालु मंगलवार रात्रि में ही भीम सरोवर में स्नान करने पहुंच जाएंगे। सुरक्षा की दृष्टि से सरोवर में जंजीर बाधी गई है। एनडीआरएफ के जवान भी मोटर बोट के साथ सरोवर में तैनात रहेंगे।


मंदिर में फायरब्रिगेड की गाड़ियों के साथ कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है। उससे जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों ने सोमवार को मंदिर परिसर का निरीक्षण किया। जहां दुकानें लगी हैं उन रास्तों को देखा। यह जानने की कि कोशिश की कि जरूरत पड़ने पर वहां गाड़ियां आसानी से कैसे पहुंचेगी ।

गोरखनाथ मेले में सुरक्षा को देखते हुए पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं। एटीएस की तर्ज पर तैयार 20 पुलिस कर्मचारियों का स्पेशल दस्ता मंदिर परिसर में तैनात रहेगा। मंदिर परिसर में 55 जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। करीब चार सौ कांस्टेबल के अलावा पीएसी के जवान भी तैनात रहेंगे। मंदिर में एक अस्थायी थाना और आठ पुलिस चौकियां बनाई गई हैं। पार्किंग के लिए 10 स्थान निर्धारित किए गए हैं।